11th July 2016, Panchang,
Today is Monday , Ashadh maas, Shukla paksh, tithi – saptami upto 17.02,
nakshatra – hasta upto 25.32, sunrise-5.17, sunset 18.26, sunsign
–Dakshinayana, moonsign-Kanya, paksha- shukla paksh, Dumuhurtam 12.18 to 13.11
-14.56 to 15.48, varjyam-07.31 to 09.19, Rahukalam – 07.30 to 09.00, Amrit
kalam- 18.14 to 20.01.
11th July 2016 Omkaram Yogam kshemam details
To obtain mental peace perform pooja at sphtika shiv ling or shiv-ling or lord shiva photo ( if you do not keep photo in your home you can perform pooja at lord shiva photo) with wood apple leave, prajakta flower (parijat), light a speech with clarified butter and offer (archana or abhishek) coconut water or mango juice or water. For detailed information please see in the next page.
Aaj ka shubh
panchang, Thursday - 11-07-2016
वर्ष- श्री दुर्मुख
|
आयन – उत्तरायण
|
ऋतु – वर्षा
|
मास – आषाढ़
|
पक्ष – शुक्ल
|
तिथि– सप्तमी
|
नक्षत्र –हस्ता
|
अमृत काल – 18.14 to
20.01
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दुर्मुहुर्तम 12.18 to
13.11 -14.56
|
दुर्मुहुर्तम - -14.56 to
15.48
|
सूर्योदय – sunrise-5.17
|
वर्ज्यं -07.31 to 09.19
|
राहू काल -07.30 to 09.00
|
आज का योग –
क्षेम में
आज शाम 6 .00
to 7.00 का समय में स्फटिक शिव लिंग या
शिव लिंग या फोटो को ही आम का रस या
नारियल का पानी या जल से अभिषेक (अर्चना ) कीजिये और एक बिल्व पत्र या प्राजक्ता
या पारिजात फूल समर्पित करें और एक घी का दीप जलाएं | संकल्प में घर के सदस्यों को
मन की शान्ति की याचना करें|
पूजा का विधि
आज शाम 6 .00 -7.00 के बीच में 1 घी
का दीप जलाना है, एक बिल्व पत्र , प्राजक्ता फूल समर्पित करें | am का रस या
नारियल का पानी या जल से अर्चना करें और संकल्प में मन की शांति की प्रकट करें |
फल
मन की शांति
Today on Aaj ka panchang we will know
the importance of wood apple leaves and what results do we get by worshipping
lord Shiva with wood apple. See inthe next page in Hindi text….
बिल्व वृक्ष की महत्व
आज हम बिल्व वृक्ष या बेल गाछ की महत्व जानेंगे| बेल पत्ता भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है| यह बिल्व पत्र तीन पत्तों का रहता है |इस में दाया और बाया के तरफ श्री विष्णु जी और ब्रह्मा जी रहते है और मध्य भाग में भगवन कैलाशनाथ रहते है | बेल पत्र को दूसरा नाम से भी जाना जाता है वह है “शिव प्रिया” | बेल पत्र भूल से भी पांव का नीचे गिरने से आयु: क्षीण होता है यह शिव का आज्ञा माना जाता है| वैसे ही अगर भूल से फूल पैर में लगने से वह फूल भगवन को नहीं छडाया जायेगा| इसी सन्दर्भ में मैं एक और विषय बताना चाहती हूँ अगर छडा या जानेवाला फूलों में बाल गिरने से भी उसे धोकर या गंग पानी डालकर पूजा करना चाहिए|
बिल्व वृक्ष घर में
रहने से क्या लाभ है आइये देखेंगे||
घर के ईशान्य भाग में रहने से “ऐश्वर्य
प्राप्ति” होगी
पुर्व दिशा में रहने से “सुख” प्राप्ति
होगी|
पश्चिम भाग में रहने से “संतान वृध्धि”
होगी|
दक्षिण दिशा में “तकलीफों” से मुक्ति |
वसंत और ग्रीष्म काल में बिल्व पत्र से
शिव की आराधना करने से “अनंत कोटि गोदान फल” प्राप्त होगा |
शिव भगवान को कितने भी फूल या फल समर्पित
करें उनमें एक बेल पत्र भी नहीं रहने से वह पूजा अधुरा है | एक लोटा गंगा और एक बिल्व पत्र शिव को समर्पित करना से 1000 यज्ञ का
फल, 1000 कन्याओं को दान करने का फल, 100 गौ
को दान करने का फल से भी अधिक पुण्य प्राप्त होगा | पुरानों में ऐसा विस्तार
किया है की एक लोटा गंगा और एक बिल्व पत्र
शिव को समर्पित करने से श्री केदारेस्वर अत्यंत संतुष्ट होके आपका आंगन में कल्प
वृक्ष ( कल्पतरु) और कामधेनु का वरदान देंगे|
बिल्व वृक्ष
श्री लाख्मीजी की ह्रदय से आविर्भ हुआ है | बिल्व पत्र त्रिनेत्र आकर में होके ओमकार का सूचित करता है | बेल पत्र से
शिव-पार्वती का पूजा करने से समस्त सिद्ध प्राप्त होंगे| ऐसे पुरानों में कहा गया है बिल्व वृक्ष के नीचे
जो मिटटी है शिव लिंग जितना पवित्र है उतना महत्व उस मिटटी में भी है , इस लिए
लोटा भर पानी बिल्व वृक्ष को डालने से कोटि शिव लोंगों की पूजा करने का फल मिलेगा |
अनेक प्रकार की दीर्घ
रोगों से पीड़ित, दुष्ट ग्रह पीड़ित, अकाल मृत्यु दोष से पीड़ित लोग बिल्व पत्र से
शिव की आराधना करके “मृत्युंजय महामंत्र” का जाप करने से सब पीडाएं दूर होंगी |
आज केलिए बस
इतना ही फिर मिलेंगे कुछ एनी आध्यात्मिक विषयों के साथ
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