Karpura Gauram Karunavataram is aprehistoric
sloka associated with lord Shiva. It is said that Lord Vishnu has praised to
the new couple in the wedding of Shiva and Parvathi. It means pure white like camphor,
an incarnation of compassion, the essence of worldly survival, Whose garland is
the king of serpents, constantly abode inside the lotus of the heart, I bow to Shiva
and Shakti collectively.
हम पूजा कर्म करते समय मंदिर हो या हमारे घर में कुछ मंत्रों
का जप अनिवार्य रूप से करते है, जैसे की “शुक्लाम बरधरम” , “ॐ भूर भुवास्वः”, “कर्पूर गौरं” सभी देवी-देवताओं के मंत्र अलग-अलग होता है,
इनमें से “कर्पूर गौरं” मन्त्र
को शिव जी को आरती के उपरांत विशेष रूप से स्तुति किया
जाता है।
“कर्पूर गौरं” मंत्र का आविर्भाव
भगवान शिव की ये
स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय भगवान विष्णु द्वारा गाई हुई मानी गई है।
शिव शमशानवासी
हैं। उनका स्वरुप अघोरी है। शिव सृष्टि के अधिपति हैं। वे मृत्युलोक के देवता हैं। उन्हें पशुपतिनाथ
भी कहा जाता है, पशुपति का अर्थ है संसार के जितने भी प्राणी
है उन सबका अधिपति। त्रिपुरारी हैं। बहुत शीघ्र प्रसन्न
हो जाने वाले। उनकी कृपा सुलभ प्राप्त हो जाती है। इसी
कारण से ये स्तुति गाई जाती है कि जो इस समस्त संसार के अधिपति हैं, वो हमारे मन में वास करें। हम पर कृपा बनाएं।
कर्पूरगौरं मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसतं हृदयारविन्दे भवं भवानी सहितं नमामि।।
इस मंत्र का
अर्थ इस प्रकार है :
कर्पूरगौरं
|
कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले।
|
करुणावतारं
|
करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं।
|
संसारसारं
|
समस्त सृष्टि के जो सार हैं।
|
भुजगेंद्रहारम्
|
जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं।
|
सदा वसतं
हृदयारबिन्दे भवं भवानी सहितं नमामि
|
अर्थात जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास
करते हैं, उनको मेरा प्रणाम है।
|
मंत्र का पूरा
अर्थ
जो कर्पूर जैसे
गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और भुजंगों का
हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय
में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा प्रणाम है।
where is this shloka? IS IT IN "SHIVA PURAN" .PLEASE INFORM
ReplyDeleteThis is incomplete. 2 more stanzas are there. It seems all people do only copy n paste. Becoz when you search for this you will the smae thing written in same style & only to much that is availble. No research no efforts.
ReplyDelete